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Swati Maliwal का आरोप- दिल्ली में फर्जी गारंटी कार्ड बांटे जा रहे हैं, लोग मर रहे हैं इलाज के बिना

दिल्ली सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार का दावा किए जाने के बावजूद, दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य व्यवस्था की खस्ता हालत पर सवाल खड़े हो रहे हैं। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाती मालीवाल ने हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर कुछ ऐसे गंभीर आरोप लगाए हैं, जो दिल्ली के सरकारी अस्पतालों की बदहाली को उजागर करते हैं। स्वाती मालीवाल ने अपनी पोस्ट में कहा कि दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में मरीजों को इलाज और दवाइयों के बिना मरने के लिए छोड़ दिया जा रहा है। साथ ही उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर झूठे गारंटी कार्ड बांटे जा रहे हैं, जो पूरी तरह से फर्जी हैं।

स्वाती मालीवाल का यह बयान उस समय आया है जब दिल्ली सरकार ने ‘स्वास्थ्य क्रांति’ की बात की है और दावा किया है कि सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार किया गया है। मालीवाल ने अस्पतालों का दौरा करने के बाद यह गंभीर आरोप लगाए और उन्होंने दिल्ली सरकार को जमकर लताड़ा।

दिल्ली के सरकारी अस्पतालों की खराब स्थिति

स्वाती मालीवाल ने अपने बयान में दिल्ली के सरकारी अस्पतालों की स्थिति का वर्णन करते हुए कहा कि “कैंसर के मरीज सर्दी में सड़क पर तड़प रहे हैं, इलाज का इंतजार कर रहे हैं। अस्पतालों में घंटों लंबी लाइनें लगी होती हैं और जैसे ही गेट खुलता है, अफरातफरी मच जाती है। जब मरीज काउंटर तक पहुंचते हैं, तो पता चलता है कि दवाइयां उपलब्ध नहीं हैं।” उनके अनुसार, कैंसर के मरीजों को महीने भर बाद टेस्ट की तारीखें दी जा रही हैं और अस्पतालों में तीन-चार मरीज एक बेड पर लेटे होते हैं।

स्वाती मालीवाल ने अपनी पोस्ट में यह भी बताया कि अस्पतालों में साफ-सफाई की हालत भी बहुत खराब है। उनके अनुसार, “मरीज कहते हैं कि अस्पताल में गंदगी है और यहां तिलचट्टे (कॉकरोच) भी घूम रहे हैं।” इस तरह के हालात में मरीजों को इलाज मिलने की उम्मीद तो लगभग न के बराबर होती है।

स्वाती मालीवाल ने दिल्ली सरकार पर सीधा आरोप लगाया कि जो लोग इन अस्पतालों की हालत और इलाज के हालात को लेकर झूठे गारंटी कार्ड बांट रहे हैं, क्या उन्होंने कभी इन अस्पतालों का दौरा किया है या कभी इन गरीबों की हालत देखी है? उन्होंने सवाल उठाया कि अगर दिल्ली सरकार ने स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार किया है, तो इन अस्पतालों में मरीजों के लिए बेहतर सुविधाएं क्यों नहीं हैं?

झूठे गारंटी कार्ड का मामला

स्वाती मालीवाल ने इस पोस्ट में एक और बड़ा आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार के द्वारा जनता को ‘स्वास्थ्य गारंटी कार्ड’ दिए जा रहे हैं, जो पूरी तरह से फर्जी हैं। उनका कहना था कि ये कार्ड केवल लोगों को भ्रमित करने के लिए बांटे जा रहे हैं और असल में सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं की हालत सुधारने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। स्वाती मालीवाल का आरोप था कि इन कार्डों के वितरण के बाद भी अस्पतालों में मरीजों को इलाज और दवाइयों की भारी कमी हो रही है।

यह मामला दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग पर गंभीर सवाल उठाता है, क्योंकि जब सरकारी अस्पतालों में इलाज की स्थिति इतनी खराब है, तो सरकार द्वारा बांटे जा रहे इन गारंटी कार्ड्स का क्या उद्देश्य है? क्या ये कार्ड सिर्फ एक प्रचार का माध्यम हैं या फिर वास्तव में इनसे जनता को कोई फायदा हो रहा है?

स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की आवश्यकता

स्वाती मालीवाल के इन आरोपों ने एक बार फिर दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग को कटघरे में खड़ा कर दिया है। दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में इलाज और दवाइयों की कमी एक पुरानी समस्या रही है, जिसे लेकर कई बार शिकायतें सामने आई हैं। इस समस्या का समाधान अभी तक पूरी तरह से नहीं हो पाया है।

स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए जरूरी है कि अस्पतालों में दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए, इलाज के लिए पर्याप्त बेड और डॉक्टरों की तैनाती की जाए और अस्पतालों में साफ-सफाई की व्यवस्था को प्राथमिकता दी जाए। इसके अलावा, अगर सरकार स्वास्थ्य क्रांति का दावा करती है, तो उसे इस दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे, ताकि लोगों को समय पर और प्रभावी इलाज मिल सके।

दिल्ली सरकार की भूमिका

दिल्ली सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में स्वास्थ्य क्षेत्र में कई योजनाएं शुरू की हैं, जैसे मोहल्ला क्लिनिक, जहां लोगों को मुफ्त इलाज की सुविधा दी जा रही है। इसके अलावा, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्वास्थ्य क्रांति के तहत अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ाने और इलाज की गुणवत्ता में सुधार करने के वादे किए थे।

हालांकि, इन योजनाओं के बावजूद, अगर अस्पतालों में हालात इस कदर खराब हैं, तो सरकार की योजना पर सवाल उठते हैं। सरकार को अपनी योजनाओं को सही तरीके से लागू करने और अस्पतालों में वास्तविक सुधार करने की आवश्यकता है।

स्वाती मालीवाल का यह बयान दिल्ली के सरकारी अस्पतालों की वास्तविक स्थिति को उजागर करता है, जहां इलाज और दवाइयों की भारी कमी है। उनका आरोप है कि दिल्ली सरकार केवल प्रचार में लगी हुई है और वास्तविक स्थिति की अनदेखी कर रही है। स्वास्थ्य क्रांति का दावा करने वाली सरकार को अब इस दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे, ताकि दिल्ली के लोग बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा सकें। अगर सरकार इस पर ध्यान नहीं देती है, तो आने वाले समय में यह चुनावी मुद्दा बन सकता है, क्योंकि जनता को अब अपने स्वास्थ्य के लिए प्रभावी सुधारों की जरूरत है।

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